पारसी धर्म की स्थापना कब और कैसे हुआ ?






 पारसी धर्म से जुड़ी कुछ महत्पूर्ण  बाते 

 धर्म 

पारसी  

 संस्थापक 

संत जऱथुस्त्र  

 प्रचीनता 

 2000 ईशा पूर्व 

 मान्यता 

एकेक्षवाद  

 सदरो 

सदरो ( पवित्र कुर्ती और पवित्र धागा ) 

 मान ने वाले की सँख्या 

1 से 1.5 लाख   

 धर्म ग्रन्थ 

जेद अवेस्ता  

 बहुल आवादी 

मुंबई , हिंदुस्तान  

 मूल देश 

ईरान  

 देवता 

हुरा  मज़्दा ( होर मज़्द ) 

 प्रमुख त्योहार

 नव रौज 

 

पारसी धर्म के अस्थापक कौन थे ?

➡ पारसी धर्म के सस्थापक संत जऱथूस्त्र को माना जाता है।  ये धर्म पुराणी धर्मो में से एक है। इस धर्म की स्थापना 6 वी सताब्दी ईशा पूर्व में की गई थी,  पारसी धर्म में एकेश्वरवादी  द्वैतवादी दोनों विशेस्ताए है।  इनके सम्भवत: अन्य पश्चिमी धर्मो  है :- जैसे - यहूदी धर्म ,ईसाई धर्म और इस्लाम को प्रभावित किया।  एक हज़ार सालो तक पारसी धर्म दुनिया के एक ताकतवर धर्म के रूप में रहा। ( 600 BCE से 650 CE  तक ( पारसी धर्म )इस ईरान का अधिकारिक  धर्म रहा , परन्तु आज पारसी धर्म दुनिया के सबसे छोटा धर्म है।  )  

पारसी धर्म का पवित्र ग्रन्थ ?

➡पारसी धर्म का पवित्र ग्रन्थ  * जेद अवेस्ता * है।  *जेद अवेस्ता * की रचना *अवेस्ता * या अवस्ताई भाषा से की गई है।  


पारसी धर्म किस की पूजा करते है ?

➡ वैदिक धर्म की भाती पारसी धर्म में भी अग्नि ( आग ) को पवित्र ,माना जाता है।  तथा अग्नि ( आग ) की भी पूजा की जाती है।  इनके मंदिर को * फायर टेपल * या दर -ए  मेहर कहा जाता है।  पारसी धर्म में अग्नि ( आग ) को ईश्वर का पुत्र के सामान मन जाता है / कहाँ  जाता है।उसी  के माध्यम से वे अहुरा मज़्दा ( पारसी धर्म के ईश्वर )  की पूजा होती है।  ये लोग प्राचीन पैगम्बर जऱथूस्त्र के शिक्षाओ  को मानते है।  


पारसी धर्म के त्योहार कौन कौन से है?

पारसी धर्म के मुख्य सात  पर्व  "त्योहार" है, जो कुछ इस प्रकार है। 

  • नौरोज 
  • ख़ोरदादसाल 
  • जरथुस्त्रनो 
  • गहम्बस  
  • फ्रावारदेगन
  • पपेटी
  • जमशोद नौरोज      

पारसी धर्म अहुरा मज़्दा का दुश्मन  कोण थे ?

➡ पारसी  धर्म अहुरा मज़्दा का दुश्मन अंगिरा मैन्यू उर्फ़ आहरिमन  है।  

पारसी धर्म के पतन का कारण  ?

➡ पारसी धर्म के पतन का  शुरुआत 330 ईशा पुर्व हुआ था।  जब सिकंदर ने ईरान नमक शहर पर हमला  किया उसके बाद सातवीं शताब्दी आते -आते ईरानी फारसी समाज  का पतन हो चूका था।  जहाँ  पे अरबो ईरानी रहते थे। सिकंदर ईरान जितने के बाद वहाँ के  पारसी लोगो  पर बहोत अत्त्याचार कर रहा था ,और बड़े स्तर पर पारसी धर्म के लोगो को जबरन धर्मपरिवर्तन करा कर मुस्लिम बना देता था /बना दिया गया  ।  जिसके बाद पारसी अपने देश में अल्पसंख्यक बन कर रह गए।  जो पारसी धर्मपरिवर्तन नहीं करना चाहते थे।  वे ईरानी पारसी अपने राज्य ( शहर ) छोर कर समंदर के रस्ते पश्चिम भारत ( गुजरात , मुंबई  ) में शरण ली।   जिसके बाद ईरान में फ़ारसी लोगो की जनसँख्या दिन प्रतिदिन कम होती गई। उसके  बाद ईरान में मुसलमान की जनसंख्या बढ़ती गई जिसके बाद ईरान इस्लामिक राष्ट्र  हो गया।   

( 1979 में  जब इस्लामिक क्रांति हुई तो सिया मुस्लिम ने ईरान शहर  के राजधानी तेहरान में पारसियों के अग्नि (आग ) मंदिर पर हमला कर दिया और संत जऱथुस्त्र की मूर्ति तोड़ दिया गया।   जिसके बाद मुसलमानो ने  उसी  जगह पर अयातुल्लाह अली खुमैनी की तस्वीर लगा दि गई। )  


पारसी धर्म की विशेषताए ?

  • पारसी धर्म की विशेषताए ये है की - हिँदू  धर्म की तरह  पारसियों में भी अग्नि को पवित्र मन जाता है. तथा अग्नि की पूजा की जाती है 
  • पारसी समाज या समुदायक के लोग एक ईश्वर में विश्वाश करते है।  जिसे वे आहुरा माज्दा कहते है  ये लोग पैगम्बर * जऱथूस्त्र * की शिक्षाओ  को मानते हैं।  
  • पारसी धर्म के सस्थापक जऱथूस्त्र का जन्म तीन हजार साल पूर्व एक कुमारी  माता दूधदोवा से हुआ।  
  • पारसियों के अनुसार एक वर्ष में 360 दिन होते है।  बाकी के 5 दिन वे अपने पूर्वजो का स्मरण करते है।  
  • "जेद अवेस्ता " पारसियों का सबसे महत्वपूर्ण ग्रन्थ है।
  • पारसी धर्म एक ऐसा धर्म है , जो अन्य धर्मो से अलग है। क्योकि पारसी धर्म अन्य धर्म को अपने धर्म में स्वीकार नहीं  है।  ( अगर कोई पारसी लड़का अन्य धर्म के लड़की से विवाह करता है तो उसकी पत्नी और बच्चो को पारसी धर्म का नहीं माना जाए गए , न स्वीकार किया जाएगा।  /  अगर पारसी लड़की किसी अन्य धर्म के लड़के से विवाह करती है. तो पारसी धर्म के अनुसार अन्य धर्म वाला लड़का या उसका बच्चा पारसी धर्म का नहीं होगा  )    

पारसी धर्म में अंतिम संस्कार कैसे होता है ?

पारसी धर्म के अनुसार  अगर कोई पारसी व्यक्ति मृत हो जाता है।  तो उस पारसी मृत व्यक्ति को  पारसी धर्म के अनुसार दखमा (यानि टॉवर ऑफ़ साइलेंस ) में उनका अंतिम संस्कार करते है।   

टॉवर ऑफ़ साइलेंस क्या होता है ➡ यह एक गोलाकार खोखला टॉवर (ईमारत) होता है। इस टॉवर के ऊपरी परत  हमेशा खुला रहता है।  जहाँ पारसी मृत व्यक्ति का शव इस टावर के अंदर रख कर टॉवर का दरवाजा बंद कर दिया जाता है ,  क्योकि पारसी धर्म के लोग आग और पानी को पवित्र माना जाता है.इस लिए पारसी शव को नहीं जलाया जाता है।  नहीं दफनाया जाता है। और नहीं बहाया जाता है / उस शव को टावर के अंदर इस लिए रखा जाता है।  कि उस शव को गिद्ध ,चिलो एवं कौआ  पक्षी उस शव को अपना आहार बनाते है।   


 पारसी धर्म से जुडी कुछ महत्वपूर्ण सवाल ?


पारसी  धर्म के सस्थापक कॉन थे ?     पैगम्बर  जऱथुस्त्र 

स्थापना का समय ?     6 वी शतावादी ईशा पूर्व 

पारसी धर्म के ईश्वर कॉन थे।  ?     अहुरा मज्दा 

पारसी धर्म में ईश्वर की शत्रु कॉन है ?     आहरिमान 

पारसी धर्म के पवित्र ग्रन्थ ?     ज़ेद अवेस्ता 

पारसी धर्म में किसकी पूजा होती है ?     आग ( अग्नि )

पारसी धर्म का पतन का आरम्भ कब हुआ और किसने किया  ?     300ई० पूर्व  सिकंदर ने किया 

पारसी धर्म में कितने त्योहार मानते जाते है ?     त्योहार मनाये जाते है।  

क्या अन्य धर्मो के लोग पारसी धर्म अपना सकते है ?    नहीं 

क्या पारसी धर्म के लोग अन्य धर्म अपना सकते है क्या ?    नहीं। 

क्या पारसी धर्म हिन्दू धर्म के सामान्य है ?     सामान्य नहीं है पर ऋंगवेद से  मिलती जुलती है।  

पारसी धर्म के सस्थापक जऱथूस्त्र के माता का नाम क्या था ?      इनके माता का नाम दूधदोवा  था 

पारसियों के अनुसार एक वर्ष में कितने दिन होते है ?     360 दिन होते है 

 पारसियों धर्म के लोग साल में कितने दिन अपने पूर्वजो का स्मरण करते है ?     5 दिन (साल के अंतिम दिनों में )

पारसी धर्म में टॉवर ऑफ़ साइलेंस क्या होता है ?     एक गोलाकार खोख्ला ईमारत होता है जिसका ऊपरी परत हमेशा खुला रहता है।  

क्या पारसी मुस्लिम होते हैं ?     नहीं क्योकि पारसी धर्म और मुस्लिम धर्म सामान्य नहीं है इस लिए की  पारसी धर्म की स्थापना  6वी शताबादी में हुई जब की मुस्लिम ( इस्लाम ) की स्थापना 600 ई० में हुई / अतः स्पस्ट है की  पारसी धर्म इस्लाम से  बहुत प्राचीन  है  



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